Thursday, October 21, 2010

लिव-इन में हर महिला को गुजारा भत्ता नहींऱ्सुप्रीम कोर्ट

22 Oct 2010 01:45,

नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लिव-इन संबंधों में रह रही महिला उस समय तक गुजारा भत्ते की हकदार नहीं है, जब तक कि वह कुछ निश्चित मानदंडों को पूरा नहीं करती। यह स्थापित होना चाहिए कि युगल वैधानिक तौर पर विवाह किए बिना पति पत्नी जैसा रह रहा था। जस्टिस मरकडेय काटजू और टीएस ठाकुर की बेंच ने कहा कि ऐसे लिव-इन संबंध के खत्म होने पर महिला गुजारा भत्ते की पात्र नहीं होगी, जो केवल शारीरिक संतुष्टि के लिए बनाए गए थे। उसके मुताबिक कानून में उस महिला के लिए गुजारा भत्ते का कोई प्रावधान नहीं है जो महज शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए संबंध रखती है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि गुजारा भत्ते के लिए दावा कर रही महिला को कोर्ट को यह विश्वास दिलाना होगा कि भले उनकी वैधानिक शादी नहीं हुई।लेकिन वे काफी समय पति-पत्नी की तरह साथ रहे हैं। बेंच ने कहा, च्हमारा मानना है कि सभी लिव-इन संबंधों को विवाह जैसे संबंधों का दर्जा देकर घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण संबंधी कानून 2005 का लाभ नहीं दिया जा सकता।ज् जजों ने कहा कि अगर कोई पुरुष किसी महिला को खर्च के लिए पैसे आदि देता है व उससे शारीरिक संबंध कायम करता है और/या उससे नौकर की तरह काम लेता है।हमारी राय में यह विवाह जैसे रिश्ते नहीं हैं। क्या था मामला ऱ् शीर्ष कोर्ट ने यह फैसला डी वेलुसामी की याचिका पर दिया। परिवार अदालत व मद्रास हाईकोर्ट ने वेलुसामी को महिला डी पत्चैयाम्मल को 500 रुपए गुजारा भत्ता देने के आदेश दिए थे। वेलुसामी ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि उसका विवाह लक्ष्मी से हुआ है और पत्चैयाम्मल से उसकी शादी नहीं हुई, हालांकि कुछ समय के लिए वह उसके साथ रहा था। शीर्ष कोर्ट ने विवाह अदालत और मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है। गुजारा भत्ते के लिए चार शर्ते ऱ् - युगल द्वारा समाज के सामने खुद को पति-पत्नी की तरह पेश होना चाहिए। - उनकी विवाह के लिए तय वैधानिक उम्र होनी चाहिए। - उनका वैधानिक दृष्टि से विवाह के लिए सभी शर्ते पूरा करना जरूरी है। - वे स्वेच्छा से साथ रहे हों और एक अच्छे खासे समय के लिए उन्होंने दुनिया के सामने खुद को दंपती जैसा दिखाया हो। गुजारा भत्ते के लिए चार शर्ते >युगल द्वारा समाज के सामने खुद को पति-पत्नी की तरह पेश होना चाहिए। >उनकी विवाह के लिए तय वैधानिक उम्र होनी चाहिए। >उनका वैधानिक दृष्टि से विवाह के लिए सभी शर्ते पूरा करना जरूरी है। >वे स्वेच्छा से साथ रहे हों और एक अच्छे खासे समय के लिए उन्होंने दुनिया के सामने खुद को दंपती जैसा दिखाया हो।

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