Tuesday, November 20, 2012

UPTET NEWS: शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव स्थगित

UPTET : शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव स्थगित

लखनऊ। टीईटी पास बीएड बेरोजगारों को शिक्षक बनने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। बेसिक स्कूलों में सीधे प्रशिक्षु शिक्षक रखने के लिए नियमावली संशोधन संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी नहीं मिली। नियमावली संशोधन संबंधी प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया है अब इस पर बाद में निर्णय किया जाएगा।

News Source : Amar Ujala (21.11.12)

Thursday, November 15, 2012

Jharkhand Secretariat Services JSSC prelims PT Result 2012 has been declared

Jharkhand Secretariat Services JSSC prelims PT Result 2012 has been declared. A large number of students who had written the exams are feeling relieved with the declaration of the results. Earlier Ranchi based Jharkhand Staff Selection Commission had conducted the jharkhand sachivalaya sahayak examination on 30 September 2012.

Click here to check results

The job of Jharkhand Secretariat Services is highly sought after and perhaps it is why a large number of candidates had given JSSC PT 2012 organized at the various centers in the state.

With the announcement of JSSC Jharkhand Secretariat Preliminary results the commission has also announced the date of mains examination. The main examination will be held on 16th December 2012.

The successful candidates of Jharkhand Secretariat Services prelims 2012 will sit for the mains examination.

The detailed program for the main examination will be published later. And those who have passed the Jharkhand Secretariat exam 2012 are eligible to write the test.

Friday, November 9, 2012

पीसीएस-12 प्री का रिजल्ट घोषित

पीसीएस-12 प्री का रिजल्ट घोषित

इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सम्मिलित राज्य / प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा 2012 का परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिया। इसमें कुल 345 पदों के लिए 6280 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं। मुख्य परीक्षा 20 दिसंबर से होगी। इसके लिए आवेदन भी अलग से भेजे जाएंगे। इस तरह से सफल अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए मात्र 41 दिन मिलेंगे।

भर्ती के लिए 253164 आवेदन पहुंचे थे। 10 जून को हुई परीक्षा में 187962 अभ्यर्थी ही शामिल हुए। सचिव बीबी सिंह ने बताया कि अनुक्रमांक 30488 और 193564 का परिणाम आयोग के तथा अनुक्रमांक 171517 का परिणाम हाईकोर्ट के आदेश के अधीन रहेगा। सचिव ने बताया कि सफल अभ्यर्थियों को आवेदन पत्र जल्द ही भेजे जाएंगे।

पीसीएस में दिग्गजों को झटका

सी-सैट लागू होने से नए प्रतियोगियों से पिछड़े विषय में महारथ रखने वाले

इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस भर्ती परीक्षा में हुए बदलाव से वर्षों से तैयारी में जुटे दिग्गज प्रतियोगियों को झटका लगा है। वैकल्पिक विषय की जगह सी-सैट लागू होने से पूर्व में साक्षात्कार में शामिल हो चुके सैकड़ों प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा भी पास नहीं कर पाए। आयोग ने पीसीएस-2012 से प्रारंभिक परीक्षा से ही वैकल्पिक विषय की व्यवस्था लागू की है। इसके मद्देनजर पहले से ही विषय में महारथ रखने वाले प्रतियोगियों को नुकसान होने तथा एसएससी, बैंकिंग आदि की परीक्षाओं की तैयारी करने वालों को फायदा की बात कही जा रही थी। शुक्रवार को आशंका सच साबित हुई। प्रतियोगी छात्र मोर्चा के बैनर तले परीक्षार्थियों ने सोमवार को आयोग पर प्रदर्शन की घोषणा की है।

लगातार दो मुख्य परीक्षाएं

पीसीएस-2012 की मुख्य परीक्षा 20 दिसंबर से होगी। बड़ी संख्या में ऐसे प्रतियोगी भी हैं जो लोअर सबऑर्डिनेट-2009 प्रारंभिक परीक्षा में सफल हुए हैं। इसकी मुख्य परीक्षा जनवरी के दूसरे पखवारे में होनी है।

Saturday, November 3, 2012

आइएएस-पीसीएस के लिए मददगार होगी लोअर की तैयारी

जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सम्मिलित अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (लोअर सबॉर्डिनेट ) के बदले पैटर्न के प्रति छात्रों का रुख सकारात्मक है। उनका मानना है अब इस परीक्षा की तैयारी आइएएस व पीसीएस परीक्षा के भी काम आएगी। लोअर सबॉर्डिनेट के परीक्षार्थियों को इन दोनों परीक्षाओं की तैयारी में भी मदद मिलेगी। आयोग ने परीक्षाओं के लिए लोअर सबॉर्डिनेट के परीक्षा पैटर्न के साथ ही उसके पाठ्यक्रम में भी परिवर्तन किया है। नये पैटर्न में मुख्य परीक्षा में सिर्फ निबंध को छोड़कर अन्य प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे। इसके अलावा प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा दोनों से विषय को हटाया गया है। आयोग की ओर से काफी पहले इस बारे में शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। वहां से मंजूरी मिलने के बाद अब इसे लागू करने का फैसला किया गया है। इस पैटर्न में विषय की बाध्यता को हटाया जाना छात्रों के लिए सबसे बड़ी राहत है। अभी तक विषय में छात्रों को 200 नंबरों की परीक्षा देनी होती थी जिसमें 100 प्रश्न होते थे और एक प्रश्न पर दो नंबर हासिल होते थे। सामान्य अध्ययन में सौ नंबर के सौ सवाल पूछे जाने होते थे। विषय के दुरूह अध्ययन के चलते ही हजारों छात्रों ने लोअर सबॉर्डिनेट-2009 की प्रारंभिक परीक्षा छोड़ दी थी। नये पैटर्न में सामान्य अध्ययन का एक प्रश्नपत्र होगा जिसमें तीन सौ नंबरों के बहुविकल्पीय सवाल पूछे जाएंगे। इसी में विषयों से जुड़े सवाल भी शामिल होंगे। इसके अलावा मुख्य परीक्षा में भी चार प्रश्नपत्रों के बजाए दो प्रश्नपत्र होंगे जिसमें पहला प्रश्नपत्र 200 नंबर का सामान्य अध्ययन का होगा। दूसरा प्रश्नपत्र भी 200 नंबर का होगा जिसमें चार निबंध पूछे जाएंगे जिसमें किन्हीं दो का उत्तर देना होगा। प्रदेश में पीसीएस के बाद लोअर सबार्डिनेट सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा है। पीसीएस की तुलना में इसमें पद अधिक होते हैं इसलिए इसके प्रति छात्रों का रुझान भी अधिक होता है और पीसीएस देने वाले सभी अभ्यर्थी भी इसमें भी किस्मत आजमाते हैं। छात्रों के अनुसार नये परीक्षा पैटर्न से इन दोनों परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलेगी। दूसरी ओर आयोग का मानना है कि प्रश्नपत्रों की संख्या कम होने से परीक्षा के सत्र को भी नियमित किया जा सकेगा।

Thursday, November 1, 2012

बीएड डिग्रीधारक बनेंगे प्रशिक्षु शिक्षक

बीएड डिग्रीधारक बनेंगे प्रशिक्षु शिक्षक

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 72,825 रिक्त पदों पर अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों को चयन के बाद पहले प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त किया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की मंशा के अनुसार प्रशिक्षु शिक्षक जैसे प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में छह महीने की ट्रेनिंग पूरी करते जाएंगे, वैसे-वैसे उन्हें स्थायी शिक्षक की मौलिक नियुक्ति दी जाती रहेगी। मौलिक नियुक्ति होने पर उन्हें स्थायी शिक्षक का वेतनमान मिलने लगेगा। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में गुरुवार को विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी। प्रदेश में पहली बार प्रस्तावित इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने और ट्रेनिंग के बाद उन्हें मौलिक नियुक्ति देने का प्राविधान जोड़ा जाएगा। यह भी तय हुआ है कि टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का प्रशिक्षु शिक्षक के तौर पर चयन करने के लिए अभ्यर्थियों के हाईस्कूल के प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 प्रतिशत अंकों को जोड़कर मेरिट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर ही चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग का क्रम तय किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की मंशा है कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में नवंबर के अंत तक संशोधन किया जाए। फिर दिसंबर से टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे। इससे पहले यह तय हुआ था कि 72,825 पदों पर भर्ती के लिए टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का मेरिट के आधार पर चयन कर पहले उन्हें छह महीने का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें नियुक्ति दी जाएगी। यह भी तय हुआ था कि चयन की जो मेरिट बनेगी उसमें अभ्यर्थियों द्वारा हाईस्कूल में प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20 व स्नातक के 40 प्रतिशत अंकों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, यदि अभ्यर्थी को बीएडके थ्योरी और प्रैक्टिकल में प्रथम श्रेणी प्राप्त हुई है तो उसे प्रत्येक के लिए 12-12, द्वितीय श्रेणी के लिए 6-6 और तृतीय श्रेणी के लिए 3-3 अंक मिलेंगे। मेरिट निर्धारण में बीएड के अंकों को लेकर सवाल उठाये जा रहे थे। कहा जा रहा था कि श्रेणियों के आधार पर मनमाने तरीके से अंक तय करना उचित नहीं है। विभाग को शिक्षकों की भर्ती में नयी व्यवस्था लागू करने के बारे में इसलिए सोचना पड़ा क्योंकि एनसीटीई ने बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक नियुक्त करने के लिए 31 मार्च 2014 तक का समय दिया है। यदि अभ्यर्थियों का पहले विशिष्ट बीटीसी ट्रेनिंग के लिए चयन करने के बाद उन्हें नियुक्ति दी जाती तो प्रदेश में एक बैच में अधिकतम 20,000 अभ्यर्थियों को ही ट्रेनिंग देने की क्षमता है। चार बैच को ट्रेनिंग देने में कम से कम दो वर्ष का समय लगता और तब तक स्वीकृत समयसीमा बीत जाती। समय बीतने के बाद शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाती। दूसरा, जो नयी व्यवस्था सोची गई है, उसमें मेरिट निर्धारण में बीएड के अंकों को लेकर उठायी जा रही आपत्ति भी दूर हो सकेगी।

विशिष्ट बीटीसी चयन 2012 स्थगित

विशिष्ट बीटीसी चयन 2012 स्थगित

बेसिक शिक्षा मंत्री की अगुवाई में निर्णय, अब प्राइमरी शिक्षकों की होगी सीधी भर्ती

•अमर उजाला ब्यूरो

लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की अब सीधी भर्ती की जाएगी इसलिए विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया 2012 स्थगित कर दी गई है। अब इसके लिए अध्यापक सेवा नियमावली के नियम 14 में शिक्षकों की सीधी भर्ती का प्रावधान किया जाएगा। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया फिलहाल कुछ माह के लिए लटक सकती है।

बैठक में तय किया गया कि विशिष्ट बीटीसी के स्थान पर पहले टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों प्रशिक्षु शिक्षक रखा जाएगा। इसके लिए गुणांक के आधार पर मेरिट का निर्धारण करते हुए प्रशिक्षु शिक्षकों का चयन किया जाएगा। इसमें हाईस्कूल का 10 प्रतिशत, इंटरमीडिएट का 20, स्नातक 40 और बीएड का 30 प्रतिशत अंक जोड़ते हुए मेरिट बनाई जाएगी। चयनित प्रशिक्षु शिक्षकों को बाद में छह माह की विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग लेनी होगी। ट्रेंड शिक्षक होने से पहले उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षकों को नियुक्ति देने से पहले अध्यापक सेवा नियमावली के नियम- 14 में इसका प्रावधान किया जाएगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय से नवंबर में प्रस्ताव प्राप्त कर दिसंबर में ऑनलाइन आवेदन लेने पर सहमति बनी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के साथ राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने देश के सभी राज्यों को बीएड डिग्रीधारकों को सहायक अध्यापक पद पर सीधी भर्ती की अनुमति दी थी। इसके लिए शर्त रखी गई कि शिक्षकों की भर्ती 1 जनवरी 2012 तक की जाएगी और इसके लिए टीईटी पास ही पात्र होंगे। यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए नवंबर 2011 में प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन टीईटी में गड़बड़ी के चलते भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।

विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया 2012 स्थगित

लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की अब सीधी भर्ती की जाएगी। इसलिए विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया 2012 स्थगित कर दी गई है। अब इसके लिए अध्यापक सेवा नियमावली के नियम 14 में शिक्षकों की सीधी भर्ती का प्रावधान किया जाएगा। दूसरी ओर शासन ने 2012 में टीईटी नहीं कराने का फैसला किया है। अब नए वर्ष यानी 2013 में कराने पर सहमति बन गई है।

UPTET NEWS

पहले प्रशिक्षु शिक्षक बनाये जाएंगे बीएड डिग्रीधारक - छह महीने की ट्रेनिंग के बाद होगी मौलिक नियुक्ति - मेरिट में हाईस्कूल पर्सेंटेज के 10, इंटर के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 फीसदी अंक जुड़ेंगे - उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में होगा संशोधन जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 72,825 रिक्त पदों पर अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों को चयन के बाद पहले प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त किया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की मंशा के अनुसार प्रशिक्षु शिक्षक जैसे प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में छह महीने की ट्रेनिंग पूरी करते जाएंगे, वैसे-वैसे उन्हें स्थायी शिक्षक की मौलिक नियुक्ति दी जाती रहेगी। मौलिक नियुक्ति होने पर उन्हें स्थायी शिक्षक का वेतनमान मिलने लगेगा। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में गुरुवार को विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी। प्रदेश में पहली बार प्रस्तावित इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने और ट्रेनिंग के बाद उन्हें मौलिक नियुक्ति देने का प्राविधान जोड़ा जाएगा। यह भी तय हुआ है कि टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का प्रशिक्षु शिक्षक के तौर पर चयन करने के लिए अभ्यर्थियों के हाईस्कूल के प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 प्रतिशत अंकों को जोड़कर मेरिट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर ही चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग का क्रम तय किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की मंशा है कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में नवंबर के अंत तक संशोधन किया जाए। फिर दिसंबर से टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाएंग