Friday, July 27, 2012

अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी)-2011 को अर्हकारी परीक्षा बनाने के मंत्रिपरिषद के निर्णय पर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को शासनादेश जारी

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए बीते वर्ष आयोजित अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी)-2011 को अर्हकारी परीक्षा बनाने के मंत्रिपरिषद के निर्णय पर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को शासनादेश जारी कर दिया। इसमें छह महीने के भीतर अध्यापक पात्रता परीक्षा-2012 आयोजित करने का निर्देश भी है।

आदेश में कहा गया है कि अध्यापक पात्रता परीक्षा अर्हकारी ही रहेगी। साथ ही निर्देश दिया कि भारत सरकार की ओर से बीएड अभ्यर्थियों के चयन के लिए पूर्व निर्धारित 1 जनवरी 2012 की तिथि 31 मार्च 2015 तक बढ़ाने का निर्णय यथा शीघ्र कराया जाए। टीईटी के साथ ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से ली गई पात्रता परीक्षा को भी नियमों में संशोधन कर अर्हकारी मान लिया जाए।

आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए बारहवें संशोधन के पूर्व शैक्षणिक योग्यता के आधार पर वेटेज की व्यवस्था को बहाल किया जाए और छह माह के विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण हेतु चयनित बीएड कालेजों को अधिकृत किया जाए। जांच में अभ्यर्थियों का नाम अनियमितता में आने पर चयन रद कर दिया जाएगा।

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