जागरण ब्यूरो, लखनऊ राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 72,825 खाली पदों पर नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री मायावती की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रिपरिषद बैठक में शिक्षकों के खाली पद पर बीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करने के बाद पहले सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त करने और फिर उन्हें प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में छह महीने का प्रशिक्षण देने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई। शिक्षक नियुक्त होने के लिए अभ्यर्थियों को स्क्रीनिंग टेस्ट के तौर पर पहले टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। नियुक्ति के लिए ऐसे अभ्यर्थियों को पात्र माना जाएगा जिन्होंने बीए/ बीएससी/ बीकॉम और बीएड की परीक्षा में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हैं या राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा समय-समय पर निर्धारित मानकों के अनुसार अर्हता प्राप्त करने के बाद बीएड उत्तीर्ण किया हो। अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को न्यूनतम अंकों में पांच प्रतिशत की छूट दी जाएगी। अभ्यर्थी की आयु पहली जुलाई 2011 को न्यूनतम 18 वर्ष और 35 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में पांच वर्ष, पूर्व सैनिकों को तीन साल और विकलांग अभ्यर्थियों को 15 वर्ष की छूट दी जाएगी। शिक्षकों की भर्ती में राज्य सरकार के नियमों के अनुसार आरक्षण लागू होगा। नियुक्ति के लिए सूबे में पिछले पांच वर्षों से लगातार निवास करने और शैक्षिक योग्यता रखने वाले प्रदेश के अभ्यर्थी अपनी इच्छानुसार तीन जिलों में आवेदन कर सकते हैं। प्रदेश का निवासी होने के सुबूत के तौर पर उन्हें संबंधित जिले के जिलाधिकारी या सक्षम प्राधिकारी की ओर से जारी किया गया प्रमाणपत्र काउन्सिलिंग के समय प्रस्तुत करना होगा। आवेदन पत्र का प्रारूप सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद तथा सर्व शिक्षा अभियान की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। अभ्यर्थी को निर्धारित शुल्क के साथ तय प्रारूप पर आवेदन पत्र जिले के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य को पंजीकृत डाक से निर्धारित तिथि तक भेजना होगा। अनुसूचित जाति/जनजाति के अभ्यर्थियों को शुल्क के रूप में 200 रुपये व अन्य अभ्यर्थियों को 500 रुपये का राष्ट्रीयकृत बैंक की ओर से जारी बैंक ड्राफ्ट देना होगा। विकलांग अभ्यर्थियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति सहायक अध्यापक के पद पर की जाती है। प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 3,86,726 पदों में से 1,99,571 पद रिक्त हैं। सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए उप्र अध्यापक सेवा नियमावली, 1981 के अनुसार न्यूनतम शैक्षिक योग्यता स्नातक व बीटीसी है। प्रदेश में बीटीसी उत्तीर्ण अभ्यर्थी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं हैं। शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए एनसीटीई ने 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना में न्यूनतम शैक्षिक योग्यता रखने वाले बीएड डिग्रीधारकों को एक जनवरी 2012 तक शिक्षक नियुक्त करने की अनुमति दे दी थी बशर्ते कि ऐसा अभ्यर्थी नियुक्ति के बाद प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में छह महीने का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर ले। इसी क्रम में बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षकों के 80,000 रिक्त पदों पर बीएड डिग्रीधारकों को नियुक्त करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इस प्रस्ताव के सापेक्ष शासन ने 72,825 रिक्त पदों को भरने का प्रस्ताव अनुमोदित किया है।
No comments:
Post a Comment