Friday, March 30, 2012

शिक्षक भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने का प्रस्ताव शासन को

शिक्षक भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने का प्रस्ताव शासन को

लखनऊ, जागरण ब्यूरो : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने के लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। इसमें प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए जारी की गई विज्ञप्ति को रद करने की सिफारिश की गई है। यह भी कहा गया है कि शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का आवेदन शुल्क उन्हें लौटाया जाएगा। अभ्यर्थियों को आवेदन शुल्क लौटाने की प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी। गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों से 500 रुपये और आरक्षित से 200 रुपये आवेदन शुल्क लिया गया था। प्रस्ताव में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट को चयन का आधार बनाने के फैसले को निरस्त कर टीईटी को अर्हताकारी परीक्षा बनाने की भी सिफारिश की गई है। इसके लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करने की संस्तुति की गई है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने अध्यापकों की नियुक्ति के लिए एनसीटीई को सिर्फ अर्हताकारी परीक्षा घोषित किया था लेकिन सरकार ने नियमावली में संशोधन कर टीईटी की मेरिट को ही शिक्षक चयन का आधार बना दिया था।

आमरण अनशन शुरू ………..

लखनऊ : अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने परीक्षा निरस्त न करने की मांग लेकर शुक्रवार से आमरण अनशन शुरू कर दिया। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले प्रदेश भर अभ्यर्थी विधान भवन के सामने अनशन पर बैठ गए हैं। अनशन से पहले अभ्यर्थियों का प्रतिनिधि मंडल सचिव बेसिक शिक्षा से लिया, लेकिन वार्ता सफल न हो सकी। उल्लेखनीय है टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी परीक्षा निरस्त न करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। संघर्ष मोर्चा के एसके पाठक और नितिन मेहता ने बताया कि सचिव बेसिक शिक्षा ने वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया। सचिव ने कहा परीक्षा के संबंध में निर्णय अप्रैल आखिर में लिया जाएगा, फिलहाल पत्रावलियां एकत्रित की जा रही हैं। अभ्यर्थियों से परीक्षा में हुए खर्च को लेकर भी जवाब-तलब किया गया। वार्ता सकारात्मक न रहने पर अभ्यर्थियों ने धरना स्थल पर आमरण अनशन शुरू कर दिया। एक अभ्यर्थी ने बताया कि जब तक मुख्यमंत्री या शिक्षामंत्री की तरफ से टीईटी निरस्त न किए जाने के संबंध में घोषणा नहीं की जाती है, तब तक अनशन जारी रहेगा। हालांकि, पुलिस तथा प्रशासन अनशन खत्म करने का दबाव बनाता रहा, लेकिन अभ्यर्थी पीछे हटने को तैयार नहीं हुए।

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