आइएएस-पीसीएस के लिए मददगार होगी लोअर की तैयारी
जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सम्मिलित अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (लोअर सबॉर्डिनेट ) के बदले पैटर्न के प्रति छात्रों का रुख सकारात्मक है। उनका मानना है अब इस परीक्षा की तैयारी आइएएस व पीसीएस परीक्षा के भी काम आएगी। लोअर सबॉर्डिनेट के परीक्षार्थियों को इन दोनों परीक्षाओं की तैयारी में भी मदद मिलेगी। आयोग ने परीक्षाओं के लिए लोअर सबॉर्डिनेट के परीक्षा पैटर्न के साथ ही उसके पाठ्यक्रम में भी परिवर्तन किया है। नये पैटर्न में मुख्य परीक्षा में सिर्फ निबंध को छोड़कर अन्य प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे। इसके अलावा प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा दोनों से विषय को हटाया गया है। आयोग की ओर से काफी पहले इस बारे में शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। वहां से मंजूरी मिलने के बाद अब इसे लागू करने का फैसला किया गया है। इस पैटर्न में विषय की बाध्यता को हटाया जाना छात्रों के लिए सबसे बड़ी राहत है। अभी तक विषय में छात्रों को 200 नंबरों की परीक्षा देनी होती थी जिसमें 100 प्रश्न होते थे और एक प्रश्न पर दो नंबर हासिल होते थे। सामान्य अध्ययन में सौ नंबर के सौ सवाल पूछे जाने होते थे। विषय के दुरूह अध्ययन के चलते ही हजारों छात्रों ने लोअर सबॉर्डिनेट-2009 की प्रारंभिक परीक्षा छोड़ दी थी। नये पैटर्न में सामान्य अध्ययन का एक प्रश्नपत्र होगा जिसमें तीन सौ नंबरों के बहुविकल्पीय सवाल पूछे जाएंगे। इसी में विषयों से जुड़े सवाल भी शामिल होंगे। इसके अलावा मुख्य परीक्षा में भी चार प्रश्नपत्रों के बजाए दो प्रश्नपत्र होंगे जिसमें पहला प्रश्नपत्र 200 नंबर का सामान्य अध्ययन का होगा। दूसरा प्रश्नपत्र भी 200 नंबर का होगा जिसमें चार निबंध पूछे जाएंगे जिसमें किन्हीं दो का उत्तर देना होगा। प्रदेश में पीसीएस के बाद लोअर सबार्डिनेट सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा है। पीसीएस की तुलना में इसमें पद अधिक होते हैं इसलिए इसके प्रति छात्रों का रुझान भी अधिक होता है और पीसीएस देने वाले सभी अभ्यर्थी भी इसमें भी किस्मत आजमाते हैं। छात्रों के अनुसार नये परीक्षा पैटर्न से इन दोनों परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलेगी। दूसरी ओर आयोग का मानना है कि प्रश्नपत्रों की संख्या कम होने से परीक्षा के सत्र को भी नियमित किया जा सकेगा।
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