मथुरा, जागरण संवाददाता: सतगुरू और आला फकीर बाबा जय गुरुदेव शुक्रवार रात ब्रंालीन हो गए। उन्होंने रात लगभग 9.30 बजे अपने आश्रम में अंतिम सांस ली। वह 116 वर्ष के थे और पिछले काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। बाबा के निधन की खबर सुनकर उनके लाखों अनुयायी शोकाकुल हो गए। यहां आश्रम में बहुत से तो फूट-फूटकर रोने लगे। रात 10.30 बजे हाईवे किनारे स्थित आश्रम में घोषणा की गयी कि बाबा अपने धाम को चले गए। उनका पार्थिव शरीर आश्रम में भक्तों के दर्शनों को सुबह रखा जाएगा। वैसे रात में भी उनके भक्तों का तांता आश्रम स्थित कक्ष में दर्शनों को लगा रहा। अंतिम संस्कार से पहले आश्रम में उनका पार्थिव शरीर तीन दिन के लिए दर्शनार्थ रखा जाएगा। चिकित्सकों के अनुसार बाबा जय गुरुदेव को कफ, फेफड़े में पानी भरने और हार्ट संबंधी दिक्कतें थीं। उनका इलाज कभी स्थानीय तो कभी आगरा, दिल्ली, गुड़गांव और मुंबई के चिकित्सकों ने किया, लेकिन छह मई को उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई थी। डॉक्टरों की सलाह पर बाबा आठ मई को गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराये गये थे। आश्रम पर उपस्थित अनुयायियों के अनुसार, बाबा की इच्छा और डॉक्टरों की सलाह पर वह मेदांता अस्पताल की आइसीयू एंबुलेंस से शुक्रवार दोपहर बाद तीन बजे आश्रम लाए गए थे। यहां उन्हें चार-पांच घंटे वेंटिलेटर पर रखा गया। साथ आए दिल्ली और गुड़गांव के कई विशेषज्ञ डॉक्टर उनके स्वास्थ्य की गहन निगरानी कर रहे थे।
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