वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : शासन ने लोकसेवा आयोग से 24 जुलाई की प्रस्तावित खाद्य निरीक्षक परीक्षा के अधियाचन को वापस मांगा है। शासन के अधियाचन वापसी के इस पत्र ने परीक्षा के संचालन में और संशय की स्थिति पैदा कर दी है। इससे रविवार तक ऊहापोह की स्थिति बनी रही, हालांकि, परीक्षा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आयोग ने अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र जारी कर दिए हैं, लेकिन पहली बार हो रही लिखित परीक्षा को लेकर आयोग अचानक मौन हो गया। आयोग के अधिकारी सचिव और परीक्षा नियंत्रक रविवार को स्पष्ट रूप से कुछ बताने की स्थिति में नहीं थे। आयोग के अध्यक्ष मलकीयत सिंह नगर से बाहर थे। सूत्रों के अनुसार उक्त परीक्षा के संदर्भ में सोमवार को आयोग में विशेष बैठक होने जा रही है। उम्मीद है कि इस विशेष बैठक में परीक्षा निरस्त की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी। गौरतलब है कि शासन के उक्त पत्र और हाईकोर्ट में सिलेबस पर लंबित याचिका के चलते आयोग को परीक्षा आयोजित कराना टेढ़ी खीर सा बन गया है। आयोग ने जहां परीक्षा की सारी तैयारियां कर ली हैं वहीं उसपर अब शासन तथा हाईकोर्ट का दबाव भी बन गया है। उल्लेखनीय है कि इस परीक्षा के द्वितीय प्रश्नपत्र के सिलेबस को लेकर न्यायालय में एक वाद लंबित है। लगभग 450 पदों के लिए 24 जुलाई को कुल 8 शहरों में होने वाली इस परीक्षा के लिए लगभग 65 हजार छात्रों ने आवेदन किया है। सभी विज्ञान स्नातक जिनके पास एक विषय के रूप में रसायन विज्ञान था, उन्होंने इसके लिए फार्म भरा था। पहला बहुविकल्पीय प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन और दूसरा विज्ञान और खाद्य पदार्थ संबंधी विज्ञान की समझ से संबंधित है। दूसरे प्रश्नपत्र के लिए लोक सेवा आयोग ने जो पाठ्यक्रम निर्धारित किया था, वह शुरुआत से ही विवादों के घेरे में है। इस सिलेबस को चुनौती देते हुए न्यायालय में एक याचिका दायर है।
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